Employee Pension Scheme: ईपीएफओ अपने सब्सक्राइबर्स को लाभान्वित करने के लिए नई-नई सुविधाएं देता है। ईपीएफ श्रम मंत्रालय के अधीन कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए काम किया जाता है। ईपीएफओ के जरिए 1995 में प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए ईपीएफ 95 की शुरुआत की थी।
इस स्कीम के तहत सभी कर्मचारियों के द्वारा और कंपनी दोनों का योगदान किया जाता है। इसमें करीब 12 फीसदी भाग पीएफ खाते में कर्मचारी का होता है। और दूसरा योगदान कंपनी के जरए 3.67 फीसदी भाग फंड में जमा होता है। इसका 8.33 फीसदी भाग ईपीएस में जमा होता है।
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ईपीएस में पात्र लोगों को 10 साल तक की नौकरी है जरुरी
ईपीएस में जितना भी पैसा जमा होता है ये पैसा कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उसको हर महीने पेंशन के तौर पर दिया जाता है। ईपीएस में पात्र होने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 10 सालों तक योगदान करना होता है। इसमें कोई भी कर्मचारी नौकरी के 10 साल पूरे कर लेता है तो उसको ईपीएस के लिए पात्र माना जाता है।
इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को 58 साल की आयु पूरी होने पर मंथली मिनिमम 1000 रुपये और मैक्जिमम 7500 रुपये की पेंशन प्राप्त होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि 58 साल की आयु में पहले ही पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
58 साल की आयु में पेंशन प्राप्त करने के लिए योग्यता
ईपीएफओ के नियम के मुताबिक, यदि आप 10 साल तक की नौकरी करके ईपीएस में कंट्रीब्यूशन करते हैं तो आपकी आयु 50 साल ज्यादा है और 58 साल से कम है तो आपको सबसे पहले पेंशन प्राप्त रप सकते हैं।
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इस लेख में हम आपको खास बात बताने जा रहे हैं कि यदि आप 58 साल की आयु से पहले पेंशन प्राप्त करते हैं तो मंथली प्राप्त होने वाली पेंशन की रकम 4 फीसदी कम हो जाएगी। इसके लिए यदि आप 60 साल की आयु के बाद पेंशन का लाभ उठाते हैं तो आपको पूरे पैसे प्राप्त होते हैं। इसमें सालाना 4 फीसदी की दर से इलाफा होता है।